script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-3635523953878797" crossorigin="anonymous">

बुद्धिमान मंत्री की चतुरता

    पुराने समय की बात है। एक रियासत के मंत्री ने राजा को अपनी बेटी के विवाह समारोह में आमंत्रित किया। जब राजा अपने परिवार के साथ विवाह समारोह में पहुँचा, तो मंत्री उन्हें सम्मानपूर्वक विशिष्ट आसन पर बैठाने ले गया, तो मंत्री यह देखकर बहुत आश्चाचकित हुआ कि जहाँ वह राजा को बैठाने ले जा रहा था उस स्थान पर एक सफाईकर्मी बैठा हुआ है। यह देखकर मंत्री गुस्से से लाल पिला हो उठा और मंत्री ने सफाईकर्मी को सभी के सामने वहाँ से उठा फेंका और उसे बहुत डाँटा । सफाईकर्मी को बहुत अपमानित किया। यह देख सफाईकर्मी ने मंत्री से बदला लेने की ठानी।

      अगले दिन सुबह वह जब सफाईकर्मी राजा का कक्ष साफ करने राजा के कमरे मे गया तो, तभी वह जानबूझकर राजा के सामने बड़बड़ाया कि, “राजा कितने नादान हैं। उन्हें यह भी पता नहीं कि रानी और मंत्री के बीच क्या चल रहा है ।” राजा आधी नींद में था बोला, “यह क्या बकवास कर रहे हो?” सफाईकर्मी जवाब में बोला। “महाराज, मैं पूरी रात सो नहीं पाया । मैं तो नींद में बड़बड़ा रहा था,”।

हालाँकि, उसकी बात सुनकर राजा के मन में संदेह के बीज पड़ गए थे। अब राजा मंत्री से चिढ़ने लगा और समय-समय पर मंत्री को अपमानित करने लगा । एक दिन तो उसने अपने द्वारपालों से यह तक कह दिया कि वे मंत्री को महल में घुसने ही न दें ।

मंत्री राजा के व्यवहार से बहुत चकित था, लेकिन कुछ सोच विचार करने के बाद उसे समझ में आया कि सफाईकर्मी ही इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। “मैंने उसका बहुत अपमान और लज्जित किया था और वह उसी का बदला मुझसे ले रहा  है। मंत्री ने सोचा कि, “मुझे उसे दुबारा प्रसन्न करना होगा, तभी वह राजा की निगाह में मेरा सम्मान दुबारा दिला सकता है,” एक दिन उसने सफाईकर्मी को अपने घर भोजन पर आने का निमंत्रण दिया और कहा, “मेरे दोस्त, मुझे क्षमा कर दो।

मैंने उस दिन तुम्हारा बहुत अपमान किया था। मुझे अपनी गलती का अहसास हो गया है मुझे क्षमा करो और इन सुंदर कपड़ों को उपहार के रूप में ग्रहण करो। और चलो, मेरे साथ भोजन करो । ” सफाईकर्मी ने मंत्री को माफ कर दिया और वह बहुत प्रसन्न हो गया ।

अब वह सोचने लगा कि, “मंत्री तो अच्छा आदमी है। मैंने ही उस दिन गलती कर दी थी । ” अब सफाईकर्मी प्रसन्न था और अब वह प्रयास करने लगा कि मंत्री के बारे में राजा की धारणा बदला जाए। एक बार जब वह राजा के कक्ष में सफाई करने गया तो राजा सो रहा था। अब वह बड़बड़ाने लगा, “अरे, राजा का तो दासी के साथ प्रेम संबंध है। बड़ी लज्जा की बात है! ” राजा ने जब उसका बड़बड़ाना सुना तो वह उठकर बैठ गया।

राजा ने सफाईकर्मी को बहुत डाँटा। सफाईकर्मी बोला, “ क्षमा कर दें महाराज, मैं पूरी रात सो नहीं पाया । इसलिए दिन में ही नींद में बड़बड़ा रहा था । “

      .राजा को सारी बात समझ में आ गई कि मंत्री निर्दोष है। राजा अब अपने आप को कोसने लगा कि इस तरह की अफवाह के चक्कर में आकर उसने अपने बहुत से अच्छे सलाहकार की अनदेखी शुरू कर दी थी । राजा ने मंत्री को बुलाया और उस से क्षमा मांगी और दोनों फिर से मित्र बन गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published.