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नोबल पुरस्कार 2019

अल्फेड नोबेल विश्व के महान् आविष्कारक थे, जिन्होने अनेक आविष्कार किए और कुल 355 पेटेंट कराए थे। उन्होने रबड़, चमड़ा, कृत्रिम सिल्क जैसी कई चीजों का आविष्कार करने के बाद डायनामाइट का आविष्कार किया 1867 मे इग्लैंड मे इसको पेटेंट कराया, इस आविष्कार के द्वारा ही विश्व भर मे विकास कार्यो को नई गति एवं दिशा प्रदान की क्योकि डायनामाइट के आविष्कार के बाद ही सुरक्षित विस्फोट के जरिये भारी-भरकम चट्टानो को तोड़कर सुरंगे व बाँध बनाने तथा रेल की पटरियां बिछाने का कार्य संभव हो पाया। 

      नोबेल पुरस्कारो की शुरूआत 10 दिसम्बर, 1901 को हुई थी, उस समय रसायन शास्त्र, भौतिक शास्त्र, चिकित्सा शास्त्र, साहित्य और विश्व शांति के लिए पहली बार यह पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार मे करीब साढ़े पांच लाख रूपये की धनराशि दी गई थी। इस पुस्कार की स्थापना स्वीडन के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक व डायनामाइट के आविष्कारक डा. अल्फ्रेड़ नोबेल द्वारा 27 नवम्बर, 1895 मे की गई वसीयत के आधार पर की गई थी, जिसमे उन्होने रसायन, भौतिक, चिकित्सा साहित्य और विश्व शान्ति के लिए विशिष्ट कार्य करने के लिए अपनी समूची सम्पत्ति (करीब 90 लाख डॉलर) से मिलने वाले ब्याज का उपयोग करते हुए उत्कृष्ट कार्य करने का अनुरोध किया था और इस कार्य के लिए धन के इस्तमाल हेतु एक ट्रस्ट की स्थापना का प्रावधान किया था। इन पांचो क्षेत्रों मे विशिष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियो के नाम का चयन करने के लिए उन्होने अपनी वसीयत में कुछ संस्थाओ का उल्लेख किया था। 10 दिसम्बर, 1896 को डा. अल्फ्रेड नोबेल तो दुनिया से विदा हो गए पर जब ये पुरस्कार का आरम्भ हुआ।    
      नोबेल पुरस्कार को दुनिया का सर्वोच्च सम्मान कहा जाता है। नोबेल पुरस्कार 2019 के सभी विजेताओ की सूची इस प्रकार है –   
   

चिकित्सा के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार

      चिकित्सा के क्षेत्र मे इस साल तीन वैज्ञानिको को दुनिया का सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करने के लिए चुना गया। इन वैज्ञानिको के नाम विलियम जी केलिन, सर पीटर जे रैटक्लिफ और ग्रेग एल सेमेन्जा है। इन्होने खोज की थी कि सेल्स ऑक्सीजन को ले जाते है ताकि शरीर को ऊर्जा मिल सके और नई कोशिकाओ को बनने मे मदद मिले।  

भौतिक के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार

      ब्रह्माण्ड के राज खोलने के लिए जेम्स पीबल्स, मिशेल मेयर और डिडिएर क्यूलॉज को भौतिक के नोबेल से नवाजा गया। कनाडियन-अमेरिकन वैज्ञानिक जेम्स पीबल्स को भौतिक ब्रह्माण्ड विज्ञान में सैद्वांतिक खोज के लिए और स्विस वैज्ञानिक मिशेल मेयर डिडिएर क्यूलॉज को संयुक्त रूप से एक्सोप्लैनेट की खोज के लिए सम्मान दिया गया। 

रसायन विज्ञान के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार 

      रसायन विज्ञान के क्षेत्र मे जॉन बी-गुडएनफ, एम स्टैनली विर्टीघम और अकीरा योशिनो को लीथियम आयन बैटरी विकसित करने के लिए दिया गया। रिचार्ज होने वाली और शक्तिशाली बैटरियो का इस्तमाल अब मोबाइल फोन से लेकर लैपटॉप और इलेक्ट्रोनिक वाहनो मे होता है। इनमे सौर और पवन ऊर्जा की अच्छी खासी मात्रा संग्रहीत की जा सकती है। जिससे पेट्रोल-डीजल जैसे जीवाश्म ईधनों से मुक्त समाज की और बढ़ना संभव होगा।
 

साहित्य का नोबेल पुरस्कार

      2019 और 2018 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार की घोषणा एक साथ की गई। 2019 का पुरस्कार पीटर हैडके को दिया जो आस्ट्रियाई मूल के लेखक है। पीटर को भाषा मे नीवनतम प्रयोगो के लिए यह पुरस्कार मिला है। लेखिका के साथ साथ सामजिक कार्यकर्ता की भूमिका निभाने वाली ओल्गा टोकारजुक को 2018 का नोबेल पुरस्कार दिया गया। 

शांति का नोबेल पुरस्कार

      इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया। यह पुरस्कार उनके देश के चिर शत्रु इरिट्रया के साथ संघर्ष को सुलझाने के लिए मिला।    

अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

      अर्थशास्त्र के क्षेत्र में भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी उनकी पत्नी एस्थर हुफ्लो और माइकल क्रेमर को ‘वैश्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग’ के शोध के लिए नोबेल पुरस्कार मिला। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी फिलहाल मैचाचुसेटस इंस्टिटयूट ऑफ टेक्नोलोजी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर है। अभिजीत बनर्जी ने 1981 में कोलकाता यूनिवर्सिटी से बी. एस. सी. किया था, जबकि 1983 में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जे. एन. यू.) दिल्ली से एम. ए. किया था।

भारत रत्न पुरस्कार 

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      देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न की शुरूआत तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद द्वारा 2 जनवरी,1954 को की गई थी। इस अंलकरण से उन व्यक्तियो को सम्मानित किया जाता है जिन्होने देश के किसी भी क्षेत्र के किसी भी क्षेत्र मे उतकृष्ट कार्य कर हमारे देश का गौरव बढ़ाया हो और हमारे देश को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई। पहला भारत रत्न का सम्मान देश के दूसरे राष्ट्रपति डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 1954 मे प्रदान किया गया। अब तक विभिन्न क्षेत्रो की 48 हस्तियो को भारत रत्न से नवाजा जा चुका है।                            

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